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क्योंकि देश सुरक्षित हाथों में है

बैंक में पैसा जमा करोगे तो डूब जाएगा। सरकार ने कल कह दिया है कि डूब जाएगा तो 5 लाख तक लौटा देंगे। बाकी तुम देख लेना। तुम देख लेना मतलब उसको डुबा लेना। हार्ट अटैक आ जाये तो मर लेना। बचत प्रेमी भारतीय समाज को अब अपने ही बैंकों में पैसा जमा करने पर सुरक्षित रहने की गारंटी नहीं है, डूब जाने की गारंटी ज्यादा है। 

एलआईसी लोगों से कह रही थी कि अपनी कमाई हमें दे दो। सुरक्षित रहोगे। जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी। खुद का ही बीमा नहीं था। अब बिक जाएगी। 

किसी समाज की सुरक्षा का नीलाम हो जाना सामान्य बात नहीं है। अभी लोगों को आत्मनिर्भर होना नहीं सिखाया गया है। उसके पहले ही उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में झोंक दिया जाएगा। बचत छीन ली गई है, सुरक्षा छीनी जा रही है। बुजुर्गों से उनकी पेंशन छीनी जा रही है। 3.64 करोड़ जवानों के रोजगार छीन लिए गए हैं। 

सब लुटा दो। कमाओ और खर्च करो, जीडीपी और कैश फ्लो बढ़ाओ। बिक जाओ तो बिक जाओ। क्यों? 

क्योंकि देश सुरक्षित हाथों में है। ऐसी सुरक्षा कहीं देखी है जहां कोई सुरक्षा न हो?

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